Diya Hai Chhor Sab Kuch Sadgi Se - Raunak Karn

दिया है छोड़ सब कुछ सादगी से | Latest Hindi Sad Ghazal | Life Shayari In Hindi

Raunak Karn

 दिया है छोड़ सब कुछ सादगी से
मुझे है प्यार अब इस झोपड़ी से

किया था प्यार मैंने इस यकीं से
नहीं जाएगा वो अब बेरुखी से

गया वो जाने दो अब जिंदगी से 
हुआ है प्यार अब मुझको खुदी से

यही सीखा है तुमसे दिल लगा कर
लगाना दिल नहीं अब तुम किसी से

नहीं उठता है मुझसे बोझ घर का
कहीं आराम हो अब खुद-कुशी से

लिया है नाम तुमने राधा का बस
नही था प्यार बोलो रुक्मणी से

रहे वो खुश हमीं से दूर होकर
नही होता मिया कुछ दिल-लगी से

मिरे तो पास घर पैसा नहीं है
मिलेगा क्या तुम्हें अब दुश्मनी से

कहा उसने नहीं जाएगा वो पर
गया है छोड़ मुझको बे-दिली से

सहारा कौन देता है जहां में
मिलाया हाथ मैंने शाइरी से

भला देखा हैं मां की झुर्रियों को
रुलाता है मुझे वो इक सदी से

रहा दिन रात तू तन्हा ही रौनक
मुझे लगता है डर अब रौशनी से
Raunak Karn



Raunak Karn Ghazal In Hindi