Tum Haqiqt Nhi Ho Hasrat Ho - Jaun Elia
June 03, 2022
तुम हक़ीक़त नहीं हो हसरत हो || Ghazal Of Jaun Elia - Opal Poetry
तुम हक़ीक़त नहीं हो हसरत हो
जो मिले ख़्वाब में वो दौलत हो
जो मिले ख़्वाब में वो दौलत हो
तुम हो ख़ुशबू के ख़्वाब की ख़ुशबू
और इतने ही बेमुरव्वत हो
किस तरह छोड़ दूँ तुम्हें जानाँ
तुम मेरी ज़िन्दगी की आदत हो
किसलिए देखते हो आईना
तुम तो ख़ुद से भी ख़ूबसूरत हो
दास्ताँ ख़त्म होने वाली है
तुम मेरी आख़िरी मुहब्बत हो
Jaun Elia
शायद
सीना दहक रहा हो तो क्या चुप रहे कोई