Kali Raton Ko Rangeen Kaha Hai Mai Ne - Rahat Indori
October 07, 2023
काली रातों को भी रंगीन कहा है मैं ने || Ghazal Of Rahat Indori - Opal Poetry
काली रातों को भी रंगीन कहा है मैं ने
तेरी हर बात पे आमीन कहा है मैं ने
तेरी हर बात पे आमीन कहा है मैं ने
तेरी दस्तार पे तन्क़ीद की हिम्मत तो नहीं
अपनी पा-पोश को क़ालीन कहा है मैं ने
मस्लहत कहिए उसे या कि सियासत कहिए
चील कव्वों को भी शाहीन कहा है मैं ने
ज़ाइक़े बारहा आँखों में मज़ा देते हैं
बाज़ चेहरों को भी नमकीन कहा है मैं ने
तू ने फ़न की नहीं शजरे की हिमायत की है
तेरे एज़ाज़ को तौहीन कहा है मैं ने
Rahat Indori
सब की पगड़ी को हवाओं में उछाला जाए
शहर क्या देखें कि हर मंज़र में जाले पड़ गए