Kisi Libaas Ki Khushbu Jab Uar Ke Aati Hai - Jaun Elia
July 26, 2022
किसी लिबास की खुशबू जब उड़ के आती है || Ghazal Of Jaun Elia - Opal Poetry
किसी लिबास की खुशबू जब उड़ के आती है
तेरे बदन की जुदाई बहुत सताती है
तेरे बदन की जुदाई बहुत सताती है
तेरे गुलाब तरसते हैं तेरी खुशबू को
तेरी सफ़ेद चमेली तुझे बुलाती है
तेरे बग़ैर मुझे चैन कैसे पड़ता हैं
मेरे बगैर तुझे नींद कैसे आती है
Jaun Elia
शर्मिंदगी है हम को बहुत हम मिले तुम्हें
गाहे गाहे बस अब यही हो क्या